Everything about shiv chalisa in hindi

तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥

करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

किसी भी वजह से मन में कोई भय हो तो शिव चालीसा का पाठ करे।

अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥

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भजन: शिव शंकर को जिसने पूजा उसका ही उद्धार हुआ

जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥

कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

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